Matru Pitru Pujan Diwas Gallery

मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाओ... यह दिवस निरंतर जलने वाली एक ज्योत है...आइये देखते है देश विदेश में कैसे मनाया गया मातृ पितृ पूजन दिवस...

Gallery Image
Gallery Image
Gallery Image

मातृ-पितृ पूजन दिवस कैसे मनायें

माता – पिता का पूजन करते हैं तो काम राम में बदलेगा, अहंकार प्रेम में बदलेगा, माता-पिता के आशीर्वाद से बच्चों का मंगल होगा ।
शिवपुराण में आता है – ‘जो पुत्र माता – पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है । उसे पृथ्वी-परिक्रमाजनित फल अवश्य सुलभ हो जाता है ।’ आओ ! हम भी अपने माता – पिता का पूजन कर के धन्य हो जायें ।

मातृ पितृ पूजन दिवस - आज के युग अनिवार्य आवश्यकता

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू ने माता-पिता-बच्चों के रिश्ते को पुनर्जीवित करने, माता-पिता के लिए प्यार और सम्मान को फिर से जगाने के लिए मातृ-पितृ पूजन दिवस की शुरुआत की। यह न केवल उनका आशीर्वाद पाने में मदद करता है बल्कि हमारे भविष्य को आकार देने में भी सहायता करता है।

यह युवाओं को वेलेंटाइन डे जैसी व्यावसायिक गलत प्रथाओं से बचाकर राष्ट्र की रीढ़ को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह किसी भी सभ्य समाज के लिए कुछ अभिशापों की संभावनाओं को कम करता है, जैसे माता-पिता को वृद्धाश्रम भेजना, किशोरावस्था में गर्भधारण, एसटीडी आदि।

Main content

सभी धर्मों से माता-पिता का सम्मान करने का आह्वान

संत श्री आशारामजी बापू कहते हैं, "प्रेम निर्दोष है। प्रेम ईश्वर से जोड़ता है; प्रेम अल्लाह से जोड़ता है। प्रेम सर्वोच्च सत्ता का नाम है। आप उसे अल्लाह, गॉड या भगवान कह सकते हैं। परम आनंद, सर्वोच्च चेतना का नाम है प्रेम। वही राम, रहीम और ईश्वर का साकार स्वरूप है। उसीमें मानवता का कल्याण निहित है।

Collage of religious ceremonies
Religious figure

मातृ-पितृ पूजन दिवस पर पूज्य बापूजी का संदेश

मेरा हृदय इस बात से बहुत व्यथित है कि लोग कहते हैं, “यह विकास का युग है” परन्तु मैं इसे युवाओं के लिए विनाश का युग मानता हूँ। मानव इतिहास में ऐसा विनाशकारी युग पहले कभी नहीं आया था। उन्हें मिलावटी दूध, प्रदूषित हवा और प्रदूषित वातावरण से उनके मन पर अशुद्ध संस्कार, बुरे प्रभाव पड़ते हैं। जैसे ही वे युवावस्था में प्रवेश करते हैं, बुरे संस्कार उन्हें शुरू में ही कुचल देते हैं। मैं किसीका विरोध नहीं करना चाहता, लेकिन मानवता का विनाश देखकर मुझे दुख होता है। इस हमले की उत्पत्ति पश्चिमी देशों में हुई है। हम इसका विरोध करने के बजाय बस इसे नई दिशा देंगे ताकि इससे विदेशी लोगों का भी कल्याण हो।